सरकार, फिलहाल कानून में संशोधन के पक्ष में नहीं है, लेकिन वह राज्यों को एक आम मतदाता सूची अपनाने के लिए राजी करना चाहती है। आम मतदाता सूची 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में किए वादों का एक हिस्सा है।
चुनाव सुधार पर चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 मंगलवार को राज्यसभा में पारित होने के बाद अब सरकार के एजेंडे में आम मतदाता सूची बनाना है। देश में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों यानी पंचायत, नगरपालिका, राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनावों के लिए एक समान सूची बनाने के लिए केंद्र सरकार आम मतदाता सूची बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही राज्य चुनाव आयुक्तों के साथ बैठक करने की योजना बना रही है ताकि उन्हें संसद, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक आम मतदाता सूची अपनाने के लिए राजी किया जा सके।
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे कदम
इस प्रयास को ‘एक देश-एक चुनाव’ की अवधारणा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट समझा जाता है। माना जा रहा है कि सराकर धीरे-धीरे इसी तरफ कदम बढ़ा रही है।भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से पहले ही कहा है कि वह देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराए जाने की योजना पर देशभर में लोगों के बीच जागरुकता फैलाएं।
2018 में नीति आयोग के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े लोगों से आग्रह किया था कि वे राजनीतिक दलों पर देश में एक चुनाव की योजना को समर्थन देने का दबाव बनाएं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक देश में एक साथ एक चुनाव कराए जाने को लेकर पार्टी बेहद गंभीर है और इसे व्यवहारिक तौर पर इसे अंजाम देने में जो भी मुश्किलें आएंगी हम उस पर बहस करने को तैयार हैं।